Saturday, May 11, 2013

प्रतिकिया:
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वह  प्रेम लिख रही थी , 
प्रतिक्रिया मिली - क्रांति लिखो------ 

वह  क्रांति करने लगी, 
प्रतिक्रिया मिली - प्रेम करो ---------

वह बायो पढ़ने लगी ,
प्रतिक्रिया मिली -आध्यात्म जियो ......

वह घुँघरू की दुकान खोलकर बैठ गयी ,
 प्रतिक्रिया नहीं मिली ...............

 इस बार कला जागी थी  
 पोस्टर बनने  लगे,
 कविताएँ छपने लगीं ,
 घुंघरू की दुकान के सामने खड़ी स्त्री ने अचानक
 ब्रेकिंग न्यूज़ का बैकग्राउंड म्यूजिक बदल दिया है ,
 अब गिफ्ट में घुंघरू का चलन चल निकला है ...........................
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कंचन 

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