Sunday, June 16, 2013

पिता या पितृत्व / फादर या फादरहुड .......
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फोन पर बात करती छोटी बच्ची के लिए  
पापा,माने- चाकलेट ,चिप्स और हेयर क्लिप 
आईने में  पापा की नक़ल करते बेटे के लिए
पापा, माने एक अच्छा कैच और सुपर हीरो 

पापा ,माने ससुर यानि फादर इन लॉ 
जिनकी बेटी और बेटे के साथ जीवन गुजरता है
 
पापा, जो बेटी विदा करते हैं 
पापा, जो बेटे को घर से निकल देते हैं 

पापा, जो बेटी के प्रेम करने पर ज़हर खाने की धमकी देते हैं 
पापा ,जो अपने ही बेटे बेटी का सर कलम भी करते हैं 

पापा , जो माँ के मरने पर बच्चों की परवरिश अकेले नहीं कर पाते 
पापा ,जिन्होंने शायद ही कभी अपने बच्चे को नहलाया हो /पॉटी धोयी हो 

पापा ,जो माँ को हमेशा फटकारते रहे
 पापा जो हमेशा बच्चों के बिगड़ने के लिए माँ को दोष देते रहे

पापा ,जो शादी के बाद बेटी के घर कभी नहीं गये 
पापा ,जिन्होंने शादी के बाद बेटी से कोई मतलब नहीं रखा 

पापा जिहोने हमेशा बेटों को गलियाँ दीं 
पापा जिन्होंने कभी अपनी मर्ज़ी से बच्चों को कोई काम करने नहीं दिया 

पापा जो हमेशा सबसे सवाल करते और मनमुताबिक जबाब लेते रहे  
पापा जिनसे कभी घर में किसी ने सामने सवाल नहीं किये

पापा जिनके लिए हमेशा सबकी आँखों में सवाल रहे 
पापा जिनकी आँखों का रंग लाल --- कभी गुस्से में ,कभी दुःख में ...

पापा जो बचपन में हीरो और जवानी में जीरो लगे 
पापा फिर भी अपने  बच्चों के वजूद में धँसे ही लगे 

पिताओं ,तुम्हारी संताने तुम्हारा  इतिहास लिखने को आमादा हैं 
दिन मुक़र्रर है , सजा नहीं ..................
संताने चलन बदलने का गीत गा रही हैं ..............
अरे पिता ! तुम तो नाच रहे हो ...........................
तुम नटराज लगने लगे ...
अचानक ....डमरू की आवाज़ तेज होती जा रही है ....
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कंचन   

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