Tuesday, June 18, 2013

झील पर फ्लेमिंगो आते हैं
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एक सुंदर झील , 
जहाँ आते हैं फ्लेमिंगो ......

झील के नीचे
 डूब गया है एक भरा पूरा
 शहर ..........................

जो कभी खिलखिलाता था 
जहाँ बजता था संगीत 
गूँज थी घंटियों की 
थाप थी तबले की 
तीज-त्योहार की रौनक थी 
आँखों में सपने थे झिलमिल रंगीन ....

ब्याही लड़कियों की आँखों लम्हा -लम्हा 
डूब रहा होता है भीतर मायके का शहर  
खुबसूरत गृहस्थ के नीचे हर रोज़
 देखती हैं ब्याही आँखे अपने डूबते शहर को 

 किसी तेज लहर का बहाव नहीं 
लेकिन बहता है शहर उनकी रग-रग में 
कोई सड़क बहती नहीं ,
धँसता नहीं कोई मोहल्ला ,
सब साबुत जीवाश्म हैं 
सुन्दर झील के नीचे 

झील के ऊपर खिले हैं कमल -दल  
झील के उपरी तल पर आते हैं फ्लेमिंगो ........
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कंचन 

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